एक मशहूर प्रेरक वक्ता ने
समारोह में कहा -
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"मैंने अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे
साल उस औरत के बाहों मे गुजारे,
जो मेरी पत्नी नहीं थी ...।"
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सब एक दम से चुप हो गए। तब
बात आगे बढ़ाते
हुए कहा -
"वह औरत मेरी माँ थी" .
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वहाँ मौजूद एक नौजवान ने
यही कथन अपने घर में
दारू पीने के बाद
आजमाना चाहा....। . .
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किचन में
काम कर रही पत्नी के पास जाकर
बोला - " मैंने
अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे बरस उस औरत के
बाहों मे गुजारे
जो मेरी पत्नी नहीं थी....।"
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. पर इसके
बाद वह भूल गया और
बुदबुदाया............. - .
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. मुझे याद
नहीं आ रही वो औरत कौन थी.....
।
बाद मे उसे जब होश
आया तो वो अस्पताल में था।

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उबलते हुए पानी के फेंके जाने
से बुरी तरह
झुलस गया था बेचारा
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MORAL- यदि आप नकल नहीं कर
सकते तो इस से बचिए

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